'Supreme court sabarimala case'

- 25 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार अक्टूबर 22, 2018 12:27 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट सबरीमला मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख कल तय करेगा. CJI ने कहा कि हमें पता है कि इस मामले में संविधान पीठ के फैसले पर 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हैं. नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है.
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार अक्टूबर 17, 2018 09:17 AM IST
    सबरीमाला मंदिर (Sabarimla Temple) के दरवाजे बुधवार को सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद केरल का सबरीमाला मंदिर आज पहली बार खुल रहा है. ये पहली बार होगा जब सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाज़त होगी. महिलाओं के प्रवेश के विरोध को देखते हुए जगह-जगह कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. दरअसल, सबरीमाला मंदिर (Sabarimla Temple Portal) में सभी महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं और मंदिर के द्वारा खोले जाने के विरोध में आत्महत्या तक की धमकी दे चुके हैं.  सरकार ने किसी अनहोनी के मद्देनजर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की है. चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |मंगलवार अक्टूबर 9, 2018 11:43 AM IST
    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा कि ये केस नियमित तरीके से सुना जाएगा. CJI गोगोई ने कहा कि कितनी भी जल्दी हो तो 16 अक्‍टूबर से पहले ये संभव नहीं है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार अक्टूबर 8, 2018 01:28 PM IST
    सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन ने याचिका दायर की है और इस याचिका में कहा गया है कि जो महिलाएं आयु पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आईं थीं वे अयप्पा भक्त नहीं हैं.
  • India | भाषा |गुरुवार अक्टूबर 4, 2018 07:12 AM IST
    केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के फैसले पर आरएसएस का बयान आया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करते समय श्रद्धालुओं की भावना की अनदेखी नहीं की जा सकती. इसके साथ ही आरएसएस ने सभी संबंधित पक्षों से एक साथ आने तथा ‘न्यायिक विकल्प से भी’ मसले का हल करने का आह्वान किया.
  • India | Written by: नवनीत मिश्र |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:39 PM IST
    सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:05 PM IST
    केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:07 PM IST
    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी. 
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 11:34 AM IST
    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:53 PM IST
    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये.  फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.
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