Career | भाषा |शुक्रवार जुलाई 14, 2017 03:20 PM IST मद्रास उच्च न्यायालय ने एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य बोर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए 85 प्रतिशत , और सीबीएससी तथा अन्य बोर्ड से पढ़ने वाले छात्रों के लिए केवल 15 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि यह बराबरी के लोगों के बीच भेदभाव करता है. न्यायमूर्ति के रविचंद्रबाबू ने 22 जून के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीएससी के कुछ छात्रों की याचिका मंजूर करते हुए कहा कि विवादित आरक्षण कानून की नजर में खराब है और संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन है.