India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: Samarjeet Singh |बुधवार जून 27, 2018 04:17 PM IST ध्यान हो कि स्पीकर पी धनपाल द्वारा 18 सितंबर, 2017 को भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची और तमिलनाडु विधानसभा (शुद्धता के आधार पर अयोग्यता) नियम, 1986 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. 22 अगस्त, 2017 को 18 याचिकाकर्ताओं (एक और विधायक एसटीके जकाययान के अलावा जो बाद में सत्ता शिविर में शामिल हो गए) और तत्कालीन राज्यपाल (प्रभारी) सी विद्यासागर राव के बीच एक बैठक से अयोग्यता कार्यवाही शुरू हुई.