Career | Reported by: भाषा |गुरुवार अप्रैल 6, 2017 10:20 PM IST सर्वोच्च उपभोक्ता आयोग ने बिहार के एक विश्वविद्यालय को ‘अनधिकृत रूप से’ एमबीए कोर्स शुरू करके और फिर उसे बंद करके एक आवेदक को ‘परेशान करने’ का दोषी पाया है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने हालांकि व्यक्ति को दिये जाने वाले मुआवजे की राशि को घटाकर 25,000 रुपये कर दिया. आयोग ने कहा कि कॉरेसपोंडेंस कोर्स होने के कारण नौकरी जाने की आशंका नहीं है. इससे पहले जिला उपभोक्ता फोरम ने आवेदक को साढ़े चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था.