India | रवीश कुमार |मंगलवार अक्टूबर 11, 2022 11:36 PM IST हुआ यह था कि 2018 और 2020 के इसके डेटा में कई तरह की धांधलियां पकड़ी गई थीं.अब जब इज़ ऑफ डुइंग बिज़नेस बंद है, पहले के तीन साल की रैकिंग का डेटा ही गड़बड़ है तब क्या प्रधानमंत्री को विश्व बैंक की इस रैकिंग का ज़िक्र करना चाहिए था? आखिर इसकी क्या मजबूरी है कि जो रैंकिंग संदिग्ध है, उसमें धांधली हो चुकी है, बंद की जा चुकी है, उसका हवाला प्रधानमंत्री जामनगर की जनता को क्यों दे रहे हैं?