Blogs | रवीश कुमार |शनिवार जनवरी 5, 2019 08:47 PM IST कहीं से घूमते-फिरते हुए आकर बैठे और बिठाए गए ये लोग गिनती में दो, चार, छह और कभी-कभी दस भी होते हैं. कई साल से आते-आते इनके चेहरे पर टीवी की ऊब दिखने लगी है. जो नया आता है वो भी इसी टाइप के टीवी को देखते-देखते ऊबा हुआ लगता है.