उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पांच शहनाइयां चोरी
Dec 05, 2016
Bollywood | बुधवार मार्च 21, 2018 08:37 PM IST
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जन्म 21 मार्ज, 1916 को हुआ था, जगह बिहार की डुमरांव थी. बिस्मिल्लाह खान को 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
Bollywood | बुधवार मार्च 21, 2018 05:47 PM IST
Ustad Bismillah Khan: शहनाई को देखने का नजरिया उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने ही बदला और इसे एक पहचान भी दिलाई. बिस्मिल्लाह खान ने 1937 में कलकत्ता ऑल इंडिया म्यूजिक कॉन्फ्रेंस में शहनाई का डंका बजा दिया.
Bollywood | बुधवार मार्च 21, 2018 05:57 PM IST
गूगल ने Ustad Bismillah Khan's 102nd Birthday टाइटल से डूडल क्रिएट किया है. बिस्मिल्लाह खान की शहनाई हमारे आजादी के जश्न का अहम हिस्सा रही और इसके बिना हमारा जश्न हमेशा अधूरा रहा.
'भारत रत्न' शहनाईवादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को कितना जानते हैं आप...?
News Quiz | बुधवार मार्च 21, 2018 11:02 AM IST
आज हम आपसे 'शान-ए-हिन्दुस्तान' कहे जाने वाले नामों में शुमार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारे में पांच आसान-से सवाल करने जा रहे हैं, जिनके जवाब देकर आप साबित कर सकते हैं कि आप उन्हें कितना जानते हैं, या जवाब गलत होने की सूरत में अपनी जानकारी में इजाफा कर सकते हैं...
Bollywood | बुधवार मार्च 21, 2018 05:53 PM IST
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को भारत में शहनाई को पॉपुलर बनाने का श्रेय जाता है. Google ने उनकी इसी उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए आज का Doodle बनाया है.
पुण्यतिथि पर उस्ताद बिस्म्मिल्लाह खान को भुला दिया सरकार ने, बस चाहने वालों ने किया याद
Cities | सोमवार अगस्त 21, 2017 08:03 PM IST
लोगों ने उस्ताद की सादगी की चर्चा भी की और इस बात का मलाल भी व्यक्त किया कि कला एवं संस्कृति की इस नगरी के कलाकारों को संस्कृति विभाग या कोई दूसरी सरकारी संस्थाएं सिर्फ कागजों में याद करती हैं.
याद-ए-बिस्म्मिल्लाह : उस्ताद की जन्म शताब्दी पर हुए कई कार्यक्रम
India | रविवार मार्च 22, 2015 10:45 AM IST
21 मार्च को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के जन्म दिन पर उनके अपने शहर बनारस में सुर, लय और ताल के साथ उनके प्रिय वाद्य यंत्र शहनाई की धुनों के बीच उनके चाहने वाले और कलाकारों ने उन्हें याद करते हुए उनका जन्म दिन मनाया।
रवीश की कलम से : बिस्मिल्लाह का बनारस
Zara Hatke | शुक्रवार मई 2, 2014 12:21 PM IST
आपकी शख़्सियत और शहनाई पर लिखने के क़ाबिल नहीं हूं, इसलिए सोचा कि आपको ख़त लिखूं। इस बात की माफ़ी मांगते हुए कि आपको मैं भी भूल गया हूं। आप याद आते हैं, पर कभी आपकी ख़बर नहीं ली। आपसे मिलकर लौटते हुए यही सोच रहा था कि कितना कम मिला आपसे, मगर कितना ज़्यादा दे दिया है आपने।
Advertisement
Advertisement