'Violence on road'

- 5 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर |गुरुवार अप्रैल 6, 2023 09:37 PM IST
    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता व लोकसभा सदस्य लॉकेट चटर्जी को पुलिस ने बृहस्पतिवार को उनके निर्वाचन क्षेत्र हुगली में आयोजित हनुमान जयंती कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया, जिसके बाद वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं.
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार मई 15, 2019 03:01 PM IST
    इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'कल छात्रों ने अमित शाह को सिर्फ काले झंडे दिखाए थे. छात्र लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन कर रहे थे. अमित शाह ने बंगाल के बाहर से गुंडे बुलाए थे. अमित शाह ने कहा कि ताला लगा था तो इनके (BJP) गुंडे अंदर कैसे आए? (एक वीडियो दिखाते हुए) इस वीडियो में साफ हो गया कि अमित शाह धोखेबाज हैं. पहले आपने बोला बंगाल को कंगाल और अब आपने ये किया. हम बेहद दुखी है, क्षुब्ध हैं.'
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार मई 15, 2019 02:06 PM IST
    बंगाल पुर्नजागरण काल की प्रमुख हस्ती और जाने-माने सुधारवादी ईश्वरचंद्र विद्यासागर (Ishwar Chandra Vidyasagar) की आवक्ष प्रतिमा कथित तौर पर तोड़े जाने के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं ने बुधवार को अपने-अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर उनकी ‘प्रदर्शित तस्वीर’ (डिस्पले पिक्चर या डीपी) लगाई है.
  • Lok Sabha Elections 2019 | Reported by: सौरभ शुक्ला |बुधवार मई 15, 2019 03:18 PM IST
    अमित शाह ने कहा कि हिंसा की खबर सुबह से थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. साथ ही उन्होंने कहा कि टीएमसी के लोगों ने ही झूठ फैलाने के लिए मूर्ती तोड़ी. प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, 'छह चरणों में बंगाल के सिवा कहीं हिंसा नहीं हुई. ममता जी की कह रही हैं कि बीजेपी हिंसा कर रही है. ममता जी 42 सीटों पर लड़ रही हैं, हम तो देश भर में चुनाव लड़ रहे हैं. कहीं और तो हिंसा नहीं हुई. यानि साफ है टीएमसी के लोग हिंसा कर रहे हैं. लोकतंत्र की हत्या की गई.' 
  • Blogs | देवीप्रसाद मिश्र |गुरुवार फ़रवरी 22, 2018 02:02 PM IST
    बीते साल हिन्दी के सुख्यात कवि देवीप्रसाद मिश्र के साथ दिल्ली की एक सड़क पर दो लोगों ने मारपीट की - बस, इसलिए कि वह सड़क पर अभद्र ढंग से मूत्र विसर्जन करने से उन्हें मना कर रहे थे. आहत कवि ने पुलिस की मदद ली, हालांकि बाद में उन्हें लगा कि उनके साथ हुई हिंसा उस व्यापक हिंसा का हिस्सा है, जो लगातार हमारे बर्बर समय में स्वीकृत होती जा रही है. उन्होंने अदालत में केस वापस ले लिया, उन्हें माफ किया.
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