'Yuddhkeviruddh'

- 13 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | दयाशंकर मिश्र |शुक्रवार सितम्बर 30, 2016 10:08 PM IST
    अखबार और मीडिया की गुरुवार और शु‍क्रवार की हेडलांइस से समाज के हितों का कोई लेना-देना नहीं है. यह बस एकाकी राग है, मूल विषयों से ध्‍यान भटकाने और उस जंग के उस बेसुरे राग छेड़ने का जिसका कोई लक्ष्‍य मनुष्‍य से जुड़ाव नहीं रखता. मनुष्‍यता और जंग परस्‍पर विरोधी स्‍वर हैं.
  • Blogs | राजीव रंजन |बुधवार सितम्बर 28, 2016 05:57 PM IST
    उरी में आतंकवादी हमला हुए तकरीबन एक हफ्ते का वक़्त बीत चुका है. ऐसा नहीं है कि इस हमले में 18 जवानों की शहादत के बाद सेना या सरकार चुप बैठे हैं. बावजूद इसके देश में हर तरफ से ढेरों बातें आने लगी हैं. कोई कह रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक कीजिए तो कोई युद्ध न किये जाने का पैरोकार है.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार सितम्बर 26, 2016 04:53 PM IST
    सत्ता से बाहर बैठकर विरोध करने और सत्ता में बैठकर निर्णय लेने में बहुत फर्क होता है. सत्ता को यह समझ आ रहा है कि कश्मीर का हल किए बिना कोई भी ठोस नतीजा सामने नहीं आ सकता.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार सितम्बर 26, 2016 11:12 AM IST
    सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए. सुरक्षा के हर संभव इंतजाम कीजिए. लेकिन असली दुश्मनों को भी पहचानिए. पहचानिए कि नौकरशाही की कौन सी कुर्सी देश के लिए खतरनाक काम कर रही है.
  • Blogs | सुधीर जैन |रविवार सितम्बर 25, 2016 02:38 PM IST
    इस समय युद्ध के नफे नुकसान, उसकी नीति अनीति और उसके इतिहास भूगोल पर खुलकर चर्चाएं हो रही हैं. एक सभ्य समाज के लिए इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है. वैसे अब तो तेज तर्रारी की मुद्रा बनाकर सत्ता में आई सरकार भी सोच समझकर, सही समय पर सही कार्रवाई की बात करने लगी है.
  • Blogs | हृदयेश जोशी |रविवार सितम्बर 25, 2016 02:35 PM IST
    मैं अक्सर कहता रहा हूं कि सिपाही जंग में शहीद नहीं होते, वे शासकों के अहंकार की बलि चढ़ाए जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितने संयम से काम लेंगे, वह हमारे देश की गरीब जनता और जवानों के उतने ही हित में होगा.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |रविवार सितम्बर 25, 2016 02:34 PM IST
    बात-बात पर रिश्वत लेने-देने वाला, टैक्स बचाने के तमाम जतन करने वाला, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाला, अपनी ही बहन-बेटियों के साथ बलात्कार करने वाला, हत्याएं करने वाला, पड़ोसियों से जलने वाला, एक-दूसरे को नीचा दिखाने वाला यह समाज जब देशभक्ति की बातें करता है, तो इन्हें पचाना आसान नहीं होता...?
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार सितम्बर 26, 2016 11:11 AM IST
    हमला सिर्फ उड़ी के बेस कैंप पर नहीं हुआ है बल्कि सोशल मीडिया पर बने भक्तों के कैंप पर भी हो गया है. विरोधी को भी छर्रे लग गए हैं. दोनों चीख़ रहे हैं. युद्ध की ललकार और न होने पर फटकार की भरमार हो गई है. प्रधानमंत्री क्या करें, क्या न करें की बाढ़ आई हुई है. इसी सैलाब से भयाक्रांत होकर मैंने तय कर लिया है कि प्रधानमंत्री कभी नहीं बनूंगा.
  • Blogs | गिरीन्द्रनाथ झा |रविवार सितम्बर 25, 2016 02:33 PM IST
    जंग की बात जब भी होती है, मन विचलित हो जाता है. कहां हम 'ग्लोबल' हो जाने की बात कर रहे हैं, बाज़ार का विस्तार कर रहे हैं, एक देश के होनहार बच्चे दूसरे मुल्क की नामचीन यूनिवर्सिटी में तालीम ले रहे हैं, कलाकार अपनी कला का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं... ऐसे में सच पूछिए, युद्ध जैसे शब्द से चिढ़ होती है. मत करिए युद्ध की बात, मिलकर-बैठकर बात करिए. बातचीत से हर मसले का हल निकल सकता है, बशर्ते बातचीत गंभीर हो.
  • Blogs | हरिमोहन मिश्र |रविवार सितम्बर 25, 2016 02:33 PM IST
    युद्ध से युद्धों का सिलसिला ही बना रहता है, जो हमारी खुशहाली के लिए कतई मुनासिब नहीं है. हमें अपने राष्ट्रीय अहम् पर बेशक कायम रहना चाहिए, लेकिन इस दुश्चक्र को तोड़ने के स्थायी उपायों पर गौर करना चाहिए.
और पढ़ें »
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com