Delhi | M Athar Uddin Munne Bharti |शनिवार मार्च 19, 2016 01:06 AM IST जेल और कैदी, इन दोनों ही शब्दों से हमारा समाज तय दूरी बनाकर रखना चाहता है। लेकिन इस सच्चाई को पूरी मनोस्थिति से कोई स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि न तो जेल इस दुनिया के बाहर की चीज है और न ही कैदी किसी बाहरी दुनिया के प्राणी हैं।