'अमेरिका चुनाव 2016'
- 113 न्यूज़ रिजल्ट्स World | Reported by: NDTV.com, Translated by: आनंद नायक |गुरुवार नवम्बर 5, 2020 02:55 PM IST व्हाइट हाउस (White House) पहुंचने की रेस में मिशिगन और विस्कोंसिन स्टेट 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं. वर्ष 2016 के हुए चुनाव में इन दोनों स्टेट में जीत हासिल की थी. पांच स्टेट अभी भी ऐसे हैं जहां से नतीजे अभी नहीं आए, इनमें पेंसिलवेनिया और नेवादा जैसे छोटे स्टेट शामिल हैं.
World | Reported by: एएफपी, Translated by: आनंद नायक |बुधवार नवम्बर 4, 2020 09:09 PM IST US Results 2020: बाइडेन की बात करें तो उन्होंने 20 राज्यों में जीत हासिल की है जिसमें उनका गृहराज्य डेलावेयर के अलावा कैलीफोर्निया और न्यूयॉर्क और वॉशिगटन डीसी जैसे बड़े राज्य शामिल है. पूर्व उप राष्ट्रपति बाइडेन ने ट्रंप की ओर से वर्ष 2016 में जीत गए एरिजोना राज्य में भी जीत हासिल की है.
World | Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार नवम्बर 3, 2020 10:26 PM IST US Presidential Election 2020: अमेरिका (United States) में मंगलवार 3 नवंबर को अपने अगले राष्ट्रपति के लिए मतदान हो रहा है. हालांकि फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट के मुताबिक 97 मिलियन से अधिक अमेरिकियों ने पहले ही मेल-इन और अर्ली इन पर्सन के तहत मतदान कर दिया है. इस चुनाव में डाक द्वारा वोटिंग अधिक हो रही है क्योंकि कोरोनो वायरस महामारी के कारण, हजारों चुनाव क्षेत्रों में जनशक्ति, तकनीक और कानूनी चुनौतियां हैं. सभीा स्थानों की अपनी प्रक्रियाओं और नियम हैं. ताजा जनमत सर्वेक्षण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन के बीच कड़ा मुकाबला दिखाया गया है. अधिकांश सर्वेक्षणों में 77 वर्षीय बिडेन इन चुनावों में बाजी मार रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जोर देकर कहा है कि वे गलत हैं और वे 2016 की अपनी जीत दोहराएंगे.
World | Written by: अमरीश कुमार त्रिवेदी |गुरुवार अक्टूबर 22, 2020 04:18 PM IST US President Election 2020 : अमेरिकी चुनाव निगरानी संस्था यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट के अनुसार, बुधवार रात तक 4 करोड़ 21 लाख 43 हजार 836 नागरिक वोट कर चुके थे. बाकी 12 दिनों में यह तादाद सात करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.
World | Reported by: एएफपी, Translated by: राहुल सिंह |रविवार अक्टूबर 18, 2020 09:00 AM IST 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में फेसबुक पर वोटरों को भ्रमित करने का आरोप लगा था. उस चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुने गए थे. जिसके बाद फेसबुक लगातार सावधानी बरत रहा है. 2016 में ब्रिटेन में भी जनमत संग्रह के दौरान इसी तरह की समस्या देखने को मिली थी.
Blogs | कादम्बिनी शर्मा |बुधवार अक्टूबर 14, 2020 05:08 PM IST ये सवाल भारत में ही नहीं, 2016 से अमेरिका में भी पूछे जा रहे हैं. जब से ये आरोप लगे कि पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने दखलअंदाज़ी की, तब से अमेरिका में नागरिकों के वोट को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
World | Reported by: एएफपी, Edited by: पवन पांडे |सोमवार सितम्बर 28, 2020 09:56 AM IST अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स रिटर्न का मुद्दा साल 2016 के चुनाव में अहम मुद्दा रहा. उनके कार्यकाल के दौरान भी यह मुद्दा चलता रहा और अब जब ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे हैं इस समय में यह मुद्दा फिर उठा है.
World | Reported by: भाषा |रविवार जुलाई 19, 2020 10:49 AM IST डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष थॉमस पेरेज ने कहा कि मिशिगन में 1,25,000 भारतीय-अमेरिकी मतदाता हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पद के पिछले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के हाथों हार का जिक्र करते हुए कहा, ''हम 2016 में मिशिगन में 10,700 मतों से हारे थे.''
World | एनडीटीवी |सोमवार मार्च 25, 2019 09:19 AM IST अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र ने कहा कि विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मूलर को इस बात के सबूत नहीं मिले कि डोनाल्ड ट्रंप या उनके प्रचार अभियान ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए रूस के साथ साजिश रची थी
File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जनवरी 22, 2019 02:26 PM IST अमेरिका में राजनीतिक शरण चाह रहे एक स्वयंभू भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को सनसनीखेज दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये ‘धांधली’ हुई थी. उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया है. वहीं भारत में बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने जहां इस दावे को खारिज कर दिया, कांग्रेस ने कहा कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं. स्काइप के जरिये लंदन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सैयद शुजा ने दावा किया कि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने के बाद वह भारत से भाग गए क्योंकि उन्हें देश में अपनी जान को खतरा था. यद्यपि वह स्काइप के जरिये स्क्रीन पर सामने आए लेकिन उनका चेहरा ढंका हुआ था. शुजा ने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके. हालांकि, उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया. यहां ध्यान देने की बात है कि जियो का 2014 में कोई अस्तित्व नहीं था और उसकी सेवाएं सितंबर 2016 में शुरू हुई थीं. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ईवीएम हैकिंग कार्यक्रम की पटकथा कांग्रेस ने लिखी, पार्टी के इशारे पर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर कई अहम सवाल भी कांग्रेस से किए हैं.
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