India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार अगस्त 28, 2018 09:15 PM IST जानेमाने नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और उनके घरों की तलाशी के सिलसिले में कई शहरों में हुई छापेमारी पर कई वकीलों, शिक्षाविदों एवं लेखकों ने आक्रोश व्यक्त किया और इस कार्रवाई की निंदा की. इनमें से कुछ ने इस कार्रवाई को 'बिल्कुल डराने वाला' करार दिया. वहीं, कुछ अन्य ने कहा कि यह 'एक तरह से आपातकाल की घोषणा' है. छापेमारी के बाद जानीमानी लेखिका अरुंधति रॉय ने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह पूरी तरह खतरनाक है. पिछले साल पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा की जांच के सिलसिले में यह छापेमारियां की गई हैं.