'आप के सौ दिन'

- 8 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार नवम्बर 19, 2021 10:10 PM IST
    आज उन 700 किसानों को याद करने का दिन है, जिनके लिए आज भी इस देश के प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा. क्या आप यकीन कर सकते हैं कि एक आंदोलन के लिए इस देश के सात सौ किसान शहीद हो गए और उस देश के प्रधानमंत्री ने इस एक साल के दौरान एक शब्द नहीं कहा. 
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार सितम्बर 22, 2021 04:09 AM IST
    क्या आप जानते हैं कि कोरोना के इन पौने दो साल के दौरान स्कूल और कॉलेज की फीस कितनी बढ़ी है? हम भी नहीं जानते हैं. मान कर चला जा सकता है कि जो अमीर जनता सौ रुपये लीटर आराम से ख़रीद रही है वही अमीर जनता महंगी फीस भी आराम से ही दे रही होगी. जनता के बीच इतनी स्वीकृति है कि सरकार को अफसोस ही हो रहा होगा कि पेट्रोल का दाम 200 रुपये करना चाहिए था. हालात से हारी हुई जनता के बीच अगर न्यूज़ चैनलों के ऐंकर वीर रस में प्रदर्शन नहीं करते तो राष्ट्र आज कितना कमज़ोर लगता. इन एंकरों की बुलंद और बेशर्म आवाज़ ही इस वक्त हारे का सहारा है. एंकरों की ललकार न होती तो दर्शकों को ताकत की दवा न मिलती. बहुत दिनों के बाद बड़ों को कार्टून के रुप में न्यूज़ चैनल मिल गए हैं. जिस पर टॉम एंड जेरी का खेल चल रहा है . टॉम जेरी का पीछा कर रहा है और जेरी टॉम का. आप इस इंतज़ार में देखे जा रहे हैं कि टॉम को जेरी पकड़ेगा या जेरी को टॉम. 
  • India | Reported by: भाषा |शुक्रवार अगस्त 21, 2020 07:57 PM IST
    शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप मेरे फोन पर कॉल कीजिए, आपको आवाज सुनाई नहीं देगी. इतने दिन तक सब ठीक था...सुबह से मैं करीब 20 कॉल लगाने की कोशिश कर चुका हूं लेकिन आवाज सुनाई नहीं दे रही.’’जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका फोन टैप किया जा रहा है? इस पर उन्होंने कहा उन्हें इस बात का शक सौ फीसदी है.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार अगस्त 26, 2019 02:50 PM IST
    सौ साल के विकास के बाद आज जब हर दिन बाजार में मंदी की खबरें हमें डराती हैं, हर दिन नौकरी जाने की खबरें अखबार के पन्नों पर अंदर डर-डरकर, छिपा-छिपाकर छापी जाती हों, शेयर बाजार के उठती-गिरती रेखाओं से धड़कनें सामान्य गति से नहीं चल रही हों, उन परिस्थितियों में क्या केवल सरकार के राहत पैकेज भर को एक उचित इलाज माना जाना चाहिए, जैसा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दो दिन पहले प्रस्तुत किया और गिरते बाजार को राहत देने की कोशिश की. निश्चित ही आज की परिस्थितियों में सौ साल पहले की गांधी की बातें आपको अप्रासंगिक लग सकती हैं, लेकिन पूंजीवाद को अपनाकर भी यदि आप आज अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत होने के बारे में आश्वस्त नहीं हैं, तो एक बार यह भी जरूर सोचिएगा कि गांधी सौ साल पहले क्या कुछ कह रहे थे.
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार अप्रैल 22, 2019 05:46 PM IST
    महाराष्ट्र के पिपलगांव में आयोजित एक रैली में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर प्रहार किए हैं. उन्होंने कहा कि साल 2014 में मजबूत सरकार बनाने में आप सभी का बहुत बड़ा योगदान रहा है. आपके आशीर्वाद का ही असर है कि आज दुनिया भर में भारत की साख नई ऊँचाई पर है. अब कोई भी भारत को आँख उठाकर देखने से पहले सौ बार सोचता है. उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'आप याद कीजिए, 2014 से पहले भारत भी तो इसी स्थिति में था. आए दिन कभी पुणे में कभी मुंबई में, बम धमाके होते थे और तब की कांग्रेस-एनसीपी की सरकार क्या करती थी? उनकी सरकार दुनियाभर में पाकिस्तान के नाम पर रोती रहती थी
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार जनवरी 2, 2019 01:58 PM IST
    अपने नेता जी की सुविधा से आप सक्रिय होते हैं, मेरा नंबर पब्लिक करते हैं और फिर ख़ुद ही फ़ोन करते रहते हैं. अब मैं फ़ोन तो उठाता नहीं. आप आज दिन भर फ़ोन करते रहे. कई सौ नंबरों से फ़ोन आए. आपको क्यों लगता है कि साहब की राजनीति की सुविधा के हिसाब से मुझ पर दबाव बना लेंगे?
  • India | मंगलवार मई 26, 2015 12:44 AM IST
    उपराज्यपाल से गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अपनी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में केंद्र से दिल्ली सरकार के अधिकार लेने का संकल्प लिया और कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहें तो 10 दिन के अंदर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है।
  • Blogs | शुक्रवार फ़रवरी 6, 2015 01:12 AM IST
    दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस तीनों ने ही जमकर चुनावी रैलियों की है। शायद ही आपको पता हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने लगभग 20 दिन के भीतर 21 हजार 7 सात सौ चुनावी रैलियां की है। जबकि 1875 रैलियों की अनुमति चुनाव आयोग ने नहीं दिया।
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