Blogs | डॉ विजय अग्रवाल |सोमवार जुलाई 25, 2016 09:16 AM IST मैंने जिन चार घटनाओं का ज़िक्र किया है, ऊपर से देखने पर तो ये चारों अलग-अलग दिखाई देती हैं, लेकिन ध्यान से देखने पर इनके बीच एक बहुत मजबूत और स्पष्ट धागा दिखाई देने लगता है... क्या यह सच है...? आइए, यहां इनकी गहराई में दुबके इस सच की तलाश करने की कोशिश करते हैं... इसमें छिपे सच ही इसके फरमान हैं...