Career | Reported by: भाषा |बुधवार फ़रवरी 26, 2020 10:12 AM IST व्यापारी के रूप में भारत में आए अंग्रेजों ने धीरे धीरे जिस बर्बर और घृणित तरीके से अपनी साम्राज्यवादी चालों को आकार देना शुरू किया, उसका समाज के प्रत्येक वर्ग ने अपने अपने तरीके से विरोध किया. अंतत: यही असंतोष 1857 के जन विद्रोह के रूप में सामने आया, जिसने अंग्रेजी शासन की जड़ों पर प्रहार किया.