Blogs | रवीश कुमार |सोमवार अक्टूबर 24, 2016 12:37 PM IST राजनेता वह होता है जो अपनी स्वायत्तता का घेरा लगातार बड़ा करता चलता है. जो अपनी स्वायत्तता के लिए लड़ता है, वही राजनेता बनता है. अखिलेश यादव अपने इसी घेरे के विस्तार की लड़ाई लड़ रहे हैं. वे यह लड़ाई नहीं लड़ेंगे तो उनकी राजनीतिक यात्रा धीमी पड़ जाएगी. मैं राजनेताओं के संदर्भ में ख़त्म शब्द का इस्तमाल नहीं करता. समाजवादी पार्टी में जो हो रहा है, उसे सिर्फ घटनाक्रम और किरदारों के आने जाने की निगाह से आप नहीं देख सकते.