'गांधी शांति प्रतिष्ठान'

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  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार अक्टूबर 2, 2021 05:05 PM IST
    गांधी जयंती के मौके पर फूल माला चढ़ाते तमाम नेताओं के कार्यक्रमों के अलावा गांधी शांति प्रतिष्ठान पर भी लोगों को नजर डाल लेनी चाहिए. गांधी जी पर रिसर्च, कॉन्फ्रेंस और गांधीवादी मूल्यों को जिंदा रखने वाली संस्थान गांधी शांति प्रतिष्ठान घोर आर्थिक तंगहाली से गुजर रही है. देश भर के 150 सेंटर पहले ही बंद हो चुके हैं. गांधीवादी संस्थान की हालत खराब क्यों है? दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान है. यहां गांधी जयंती के मौके पर गोष्ठी कराई जा रही है. पहले ही तंगहाली से गुजर रहे इस संस्थान को कोरोना ने बुरे आर्थिक दौर में पहुंचा दिया है. हालात इतने खराब हैं कि अब सालाना एक से डेढ़ करोड़ रुपये भी जुटाना इस संस्थान को भारी पड़ रहा है.
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 3, 2018 03:07 AM IST
    महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छता दिवस मनाया गया और कई बड़े आयोजन हुए. लेकिन समर्पण के साथ गांधी दर्शन का प्रसार करने वाले गांधी शांति प्रतिष्ठान की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राजधानी दिल्ली में ही स्थित यह संस्थान आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
  • India | Reported by: सुशील कुमार महापात्र |शुक्रवार मार्च 16, 2018 08:47 AM IST
    गुरुवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान पर देश के अलग राज्यों से लोग आधार कार्ड से जुड़ी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे. सरकार के निर्देश के अनुसार जन-कल्याण स्कीम का फायदा लेने के लिए आधार लिंक होना जरुरी है.
  • India | Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार जून 16, 2017 06:24 PM IST
    शुक्रवार को देश भर के लगभग 100 छोड़े-बड़े किसान संगठनों ने मिलकर आंदोलन करने का फैसला लिया. दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में एक समन्वय समिति का गठन किया गया जिसका नाम अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति रखा गया है.
  • Blogs | राकेश दीवान |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 01:48 PM IST
    हमारे समाज को अभी अनुपम की कम से कम 20 साल और ज़रूरत थी, क्योकि जो काम उन्होंने शुरू किया था, अब जाकर समाजों, सरकारों, नीति निर्माताओं और मीडिया ने समझना शुरू किया है... ऐसे समय में अनुपम जैसे लोगों की ज़्यादा ज़रूरत थी, ताकि उनकी पहल मूर्त रूप ले सके...
  • Blogs | सुधीर जैन |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 01:34 PM IST
    उनके लिए कोई उपमा नहीं सोची जा सकती. वह वाकई अनुपम थे. उनसे मेरी पहचान प्रभाष जोशी ने करवाई थी. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के लिए भारतीय जल प्रबंधन पर शोध के सिलसिले में अनुपम जी से पहली मुलाकात हुई, और फिर उनसे राग हो गया.
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