India | Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार सितम्बर 26, 2023 03:43 PM IST हमारे हाथ में मोबाइल होता है और हमें दुनिया मुट्ठी में लगने लगती है, लेकिन सच्चाई क्या है, हम खुद मोबाइल की मुट्ठी में हो जाते हैं. हम मोबाइल पर वह नहीं करते जो चाहते हैं, बल्कि वह करते हैं जो मोबाइल कंपनियां हमसे करवाना चाहती हैं. आज इंटरनेट का जाल हमारे चारों ओर फैल गया है. इसका हम पर क्या असर पड़ रहा है, हम मोबाइल पर नजर टिकाए समाज में बदल गए हैं. मोबाइल का पूरा असर पढ़ाई-लिखाई पर हो रहा है. लोगों में अब एकाग्रता नहीं बची है, कुछ भी पढ़ते हैं, भूल जाते हैं. याद रखने की जरूरत नहीं है अब क्योंकि गूगल है आपके पास. हम एक भूली हुई बेखबर पीढ़ी में अपने आप को बदल रहे हैं. सोचने, समझने और रचने की क्षमता खत्म होती जा रही है. न स्मृति, न अनुभव, बस हम हैं मोबाइल की मुट्ठी में. आज NDTV के 'द आनंद कुमार शो' के तीसरे एपिसोड में इसी विषय पर चर्चा की गई.