Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार मार्च 19, 2018 08:11 PM IST आंधियों में जितनी ताकत होती है, उतना स्थायित्व नहीं होता. वे ख़त्म हो जाती हैं, लौट जाती हैं, मिट जाती हैं. इसलिए राजनीतिक आंधियों पर बहुत भरोसा नहीं करना चाहिए. इसलिए फूलपुर और गोरखपुर के नतीजे जो हवा पैदा कर रहे हैं, उन्हें आंधी की तरह पेश करने में लगे तीसरे मोर्चे को पहले अपने पांव ज़मीन पर मज़बूती से जमाने होंगे. क्योंकि तीसरे मोर्चे में जितनी संभावनाएं हैं, उससे ज़्यादा संकट हैं.