'जफरयाब जिलानी'

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  • India | Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: चंदन वत्स |बुधवार मई 17, 2023 01:04 PM IST
    जफरयाब जिलानी बाबरी मस्जिद मामले में अधिवक्ता थे. वो बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अध्यक्ष, यूपी के अपर महाधिवक्ता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव रह चुके थे.
  • India | Reported by: भाषा |शुक्रवार मई 21, 2021 09:43 PM IST
    जिलानी के पुत्र नजम जफरयाब ने कहा कि गुरुवार करीब 4.30 बजे उनके पिता दफ्तर से निकल रहे थे, बारिश के कारण फिसलन होने से वह सीढ़ियों से गिर गए और सिर में चोट आने से वह बेहोश हो गए.
  • India | Reported by: कमाल खान, Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह |सोमवार फ़रवरी 10, 2020 08:49 PM IST
    अब बाबरी मस्जिद के मलबे को लेकर भी झगड़ा शुरू हो गया है. मस्जिद के मुद्दई सुप्रीम कोर्ट से यह मांग करने वाले हैं कि मस्जिद एक पवित्र स्‍थान है इसलिए उसके मलबे को किसी गंदी जगह फेंकने की बजाय उन्‍हें दे दिया जाए. जबकि अयोध्‍या के साधु-संत कह रहे हैं कि वो मस्जिद मंदिर तोड़ कर बनाई गई थी इसलिए उसका मलबा नहीं देंगे.
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा |शुक्रवार फ़रवरी 7, 2020 12:36 PM IST
    बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी (बीएमएसी) अगले सप्ताह बाबरी मस्जिद के अवशेष पर दावा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. मुस्लिम पक्ष उस जगह से 1992 में गिराई गई बाबरी मस्जिद के अवशेष हटवाना चाहता है. कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, 'हमने अपने वकील राजीव धवन के साथ चर्चा की है और उनका भी विचार है कि हमें मस्जिद के अवशेष पर दावा करना चाहिए.
  • India | Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार दिसम्बर 12, 2019 08:34 PM IST
    Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में दाखिल की गईं सभी 19 रिव्यू पिटीशन (Review Petition) खारिज कर दीं. कोर्ट ने कहा कि याचिका में उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों पर गौर किया गया लेकिन उन्हें सुनने का कोई आधार नहीं बनता. मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ने वाले जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वे सीनियर वकील से बात करने के बाद तय करेंगे कि उन्हें क्यूरेटिव पिटीशन दखिल करना है या नहीं.
  • India | Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार दिसम्बर 3, 2019 04:18 PM IST
    अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने दावा किया है कि मुस्लिम पक्ष ने उन्हें केस की पैरवी से हटा दिया है. राजीव धवन ने खुद फेसबुक पोस्ट के जरिए यह खुलासा किया है. राजीव धवन ने NDTV से कहा कि ''उन्होंने मुझे बर्खास्त कर दिया है. जमात-ए-उलेमा ने मेरे खराब स्वास्थ्य के बारे में झूठ कहा. उन्होंने कहा कि ''मैंने एक भी रुपया नहीं लिया. चालीस दिन और रात अथक परिश्रम किया.'' उन्होंने कहा कि ''मैं मुस्लिम पक्ष को विभाजित नहीं करना चाहता. मैं जफरयाब जिलानी का सम्मान करता हूं लेकिन मैं खुद दूरी बनाना चाहता हूं."
  • India | Written by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 01:27 PM IST
    अयोध्या मुद्दे पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा, 'इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे दो तो कोई फायदा नहीं है. हमारी 67 एकड़ जमीन पहले से ही अधिग्रहित की हुई है तो हमको दान में क्‍या दे रहे हैं वो? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ दे रहे हैं. ये कहां का इंसाफ है?' गौरतलब है कि इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले पर संतुष्ट नही हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए गए हैं और इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार करेंगे. 
  • India | एनडीटीवी |शनिवार नवम्बर 9, 2019 12:45 PM IST
    अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वह फैसले से संतुष्‍ट नहीं हैं. बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, 'कुछ गलत तथ्‍य पेश किए गए हैं हम उनकी जांच करेंगे. सुप्रीम कोर्ट का फैसला है हम उसका सम्‍मान करते हैं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:38 AM IST
    अयोध्या केस (Ayodhya Case) में मंगलवार को 30 वें दिन की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर निरंतर सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष की ओर से उसके वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हिन्दू 1886 केफैसले में पूजा का अधिकार मिलने के बाद विवादित स्थल पर बने चबूतरे पर ही मंदिर बनाना चाहते थे. पर तब के जिला कोर्ट ने इसकी इजाज़त नहीं दी थी. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में स्वीकार किया कि राम चबूतरे पर भगवान राम का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि बाद में गुंबद वाले स्थान पर भी हिंदू दावा करने लगे. मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने आज अपनी दलीलें पूरी कर लीं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:48 AM IST
    अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ayodhya Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में शुक्रवार को 23वें दिन की सुनवाई हुई. कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि जन्मस्थान के लिए अदालत में याचिका दाखिल नहीं हो सकती. जन्मस्थान कोई कानूनी व्यक्ति नहीं है. नदियों, पहाड़ों, कुओं के लिए प्रार्थना की जाती है और यह एक वैदिक अभ्यास है. अगर कल को चीन मानसरोवर में जाने से मना कर देता है तो क्या कोई पूजा के अधिकार का दावा कर सकता है? मुस्लिम पक्ष की तरफ से सबसे पहले वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने बहस की शुरुआत की. जिलानी ने कहा कि 1885 में निर्मोही अखाड़े ने जब कोर्ट में याचिका दायर की थी तो उन्होंने अपनी याचिका में विवादित जमीन की पश्चिमी सीमा पर मस्जिद होने की बात कही थी. यह हिस्सा अब विवादित जमीन के भीतरी आंगन के नाम से जाना जाता है.
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