World | Written by: कल्पना |शनिवार मार्च 4, 2017 02:34 PM IST यूरोपीय संसद में पौलेंड के एक सदस्य की टिप्पणी काफी विवादों में आ गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘यह 20वीं शताब्दी का एक घिसा-पिटा विचार है कि महिलाएं बौद्धिक रूप से पुरुषों के बराबर होती हैं. इस घिसे-पिटे विचार को जरूर खत्म होना चाहिए क्योंकि यह सही नहीं है.’