'जीएसएलवी'

- 32 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: पल्लव बागला, Translated by: तिलकराज |शुक्रवार फ़रवरी 16, 2024 01:12 PM IST
    INSAT-3DS कहा जाने वाला यह तीसरी पीढ़ी का उपग्रेडेड, डेडिकेटेड मौसम विज्ञान उपग्रह है. उपग्रह का वजन 2,274 किलोग्राम है और इसे लगभग 480 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार दिसम्बर 7, 2023 06:36 PM IST
    छह पीएसएलवी मिशन में एक अंतरिक्ष विज्ञान उपग्रह, एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, दो प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन और एनएसआईएल द्वारा दो वाणिज्यिक मिशन का प्रक्षेपण किया जाएगा.
  • India | Edited by: तिलकराज |सोमवार मई 29, 2023 11:48 AM IST
    सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से सोमवार पूर्वाह्न 10 बजकर 42 मिनट पर 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हुआ.
  • India | Translated by: तिलकराज |सोमवार मई 29, 2023 08:08 AM IST
    सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से सोमवार पूर्वाह्न 10 बजकर 42 मिनट पर 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना होगा.
  • India | Edited by: आनंद नायक |गुरुवार अगस्त 12, 2021 11:36 AM IST
    इंडियन स्‍पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन यानी ISRO के लिए यह 'बड़ा' झटका है. जीएसएलवी-एफ 10 मिशन (GSLV-F10 Mission) को तकनीकी खराबी के कारण पूरा नहीं किया जा सका है. इसरो की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, EOS-03 लॉन्च किया लेकिन तकनीकी खामी की वजह से यह सफल नहीं हो सका. अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट की मुख्य विशेषता यह है कि यह चिन्हित किये गए किसी बड़े क्षेत्र क्षेत्र की वास्तविक समय की छवियां लगातार अंतराल पर भेजता रहता है.
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा |शनिवार सितम्बर 7, 2019 10:21 AM IST
    चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद इसरो के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में सुरक्षित है. अधिकारी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में पूरी तरह ठीक एवं सुरक्षित है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है.’’ 2379 किलोग्राम ऑर्बिटर के मिशन का जीवन काल एक साल है. उल्लेखनीय है कि 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था. चंद्रयान-2 ने धरती की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा 14 अगस्त को इसरो द्वारा ‘ट्रांस लूनर इन्सर्शन’ नाम की प्रक्रिया को अंजाम दिये जाने के बाद शुरू की थी. यह प्रक्रिया अंतरिक्ष यान को ‘लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री’ में पहुंचाने के लिये अपनाई गई. अंतरिक्ष यान 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था. चंद्रयान-2 के ‘ऑर्बिटर’ में चंद्रमा की सतह का मानचित्रण करने और पृथ्वी के इकलौते उपग्रह के बाह्य परिमंडल का अध्ययन करने के लिए आठ वैज्ञानिक उपकरण हैं. इसरो ने दो सितंबर को ऑर्बिटर से लैंडर को अलग करने में सफलता पाई थी, लेकिन शनिवार तड़के विक्रम का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था. इसरो ने कहा है कि वह आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है.
  • India | भाषा |बुधवार सितम्बर 4, 2019 10:02 AM IST
    इसरो ने कहा कि लैंडर पर लगी प्रणोदक प्रणाली को पहली बार इसे नीचे की कक्षा में लाने के लिये सक्रिय किया गया. इससे पहले इसने स्वतंत्र रूप से चंद्रमा की कक्षा में परिक्रमा शुरू कर दी थी. जीएसएलवी मैक-थ्री एम1 द्वारा 22 जुलाई को पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित 3,840 किलोग्राम के चंद्रयान-दो अंतरिक्ष यान के मुख्य ऑर्बिटर द्वारा चंद्रमा की यात्रा के सभी अभियानों को अंजाम दिया गया है.
  • India | Reported by: पल्लव बागला, Edited by: आरिफ खान मंसूरी |मंगलवार अगस्त 20, 2019 02:40 PM IST
    यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जुलाई 23, 2019 08:43 AM IST
    चंद्रयान को सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 दूसरे लॉन्च पैड से लेकर रवाना हुआ है. जिस वक्त चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण हुआ तब पीएम मोदी कहां और क्या कर रहे थे, इसके बारे में भी लोगों को जानने की काफी उत्सुकुता थी. आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑफिस से ही टीवी पर चंद्रयान-2 के लॉन्च की लाइव कवरेज देखी.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार जुलाई 22, 2019 10:28 AM IST
    लॉन्च देखने के लिए विभिन्न स्थानों के लोगों ने पंजीकरण कराया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "रॉकेट का प्रक्षेपण देखने के लिए कुल 7,500 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है."
और पढ़ें »
'जीएसएलवी' - 26 वीडियो रिजल्ट्स
और देखें »
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com