Blogs | क्रांति संभव |शनिवार सितम्बर 10, 2016 05:56 AM IST जुमला शाश्वत है. न उसका ओर है न छोर. न वो दिखाई देता है न सुनई देता है, उसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है. तेज़ गति से आता है और कान में वैक्यूम सा बनता चला जाता है. न उसका रूप है न रंग. आदि काल से आज तक कोई ये नहीं बता पाया है कि ये जुमला है या वो जुमला है.