Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार मई 19, 2022 10:08 PM IST कई बार टीवी की रिपोर्टिंग में किसी ग़रीब की कहानी उसके आंसुओं के साथ भावुक बना देती है, लेकिन उसमें ग़रीबी के मूल कारणों का ज़िक्र नहीं होता, जिसकी जवाबदेही होनी चाहिए वह सरकार नहीं होती है, उसकी नीतियां नहीं होती हैं. इस तरह से जहां आपकी नज़र होनी चाहिए, वहां से हटाकर रोते हुए ग़रीब पर टिका दी जाती है ताकि उसकी ग़रीबी नीतियों का नतीजा न लगे, उसकी अपनी नाकामी लगे.