File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जनवरी 17, 2018 02:07 PM IST सरकार ने 'छुपे' और 'फरार' इनकम टैक्स डिफॉल्टरों को समन जारी करने और उनके खिलाफ बकाये की वसूली की कार्रवाई के लिए बैंकों, बीमा कंपनियों और नगर निगमों के डेटाबेस से उनके पते हासिल करने का अधिकार दिया है. इसके लिए नियमों में संशोधन किए गए हैं. आयकर विभाग के अधिकारी छुपे या लापता बकायेदारों को अब तक केवल उनके पैन कार्ड (स्थायी खाता संख्या), आईटीआर (आयकर विवरणिका) या कर संबंधित पत्र व्यवहार के लिए लिखवाए गए पतों पर ही नोटिस जारी कर सकते थे. विभाग के अधिकारियों का कहना था कि टैक्स से बचने के लिए छुप कर रह रहे लोगों के मामले में पते के केवल उपरोक्त स्रोतों से उनका काम नहीं चल रहा था. इसमें कुछ मामले ऐसे भी होते होंगे जहां पता सचमुच बदल गया हो लेकिन करदाता ने विभाग को उसकी सूचना न दी हो.