'तुलसीराम प्रजापति'

- 20 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: श्रीनिवासन जैन, Edited by: पीयूष |रविवार नवम्बर 13, 2022 12:48 PM IST
    अगस्त 2014 में न्यायाधीश के रूप में अपनी पदोन्नति से पहले, न्यायमूर्ति ललित कई हाई-प्रोफाइल और विवादास्पद मामलों में वकील थे. उन्होंने गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ हत्याओं के मामले में अमित शाह का प्रतिनिधित्व किया. 
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार जुलाई 8, 2020 11:25 PM IST
    मध्यप्रदेश पुलिस ने कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट से सवाल पूछने वाली 19 साल की लड़की के बारे में सोशल मीडिया पर अश्लील टिप्पणी करने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सोमवार को 19 साल की उपासना शर्मा ने लसूड़िया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 के तहत चार आरोपियों - बसंत पांचाल, उमेश प्रजापति, मनोज शर्मा और प्रणय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
  • India | Written by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार मार्च 14, 2020 09:20 PM IST
    मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति (Narmada Prasad Prajapati) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का समर्थन करने वाले छह पूर्व मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. इन मंत्रियों ने 10 मार्च को इस्तीफे दिए थे. अध्यक्ष ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न तोमर, तुलसीराम सिलावट और इमरती देवी के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं.
  • Lok Sabha Elections 2019 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार अप्रैल 24, 2019 07:53 AM IST
    गांधी की इस टिप्पणी पर शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘चलो मैं आपको फैसले का सार बताता हूं. मुझ पर झूठा मामला लगाया गया और अदालत ने पहले ही आदेश पारित कर दिया है कि यह राजनीति से प्रेरित आरोप थे और कोई सबूत नहीं थे. मैं राहुल गांधी के कानूनी ज्ञान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.’ बता दें, साल 2014 में एक विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में शाह को बरी कर दिया था. अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ ‘कोई मामला’ नहीं बनता और उन्हें ‘राजनीतिक वजहों’ से फंसाया गया था.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शनिवार दिसम्बर 29, 2018 09:05 AM IST
    फर्जी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख, तुलसीराम प्रजापति और कौसर बी की कथिततौर पर हत्या के मामले में आए आदेश में कहा गया है कि सीबीआई की पूरी जांच में किसी तरह नेताओं को फंसाने के लिए एक कहानी गढ़ी गई थी. फैसला 21 दिसंबर को सुनाया गया और फैसले की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शनिवार दिसम्बर 22, 2018 09:32 PM IST
    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोहराबुद्दीन मुठभेड़ केस के आरोपियों के बरी होने के बाद एक ट्वीट में सात लोगों की मौत पर सवाल उठाए हैं.
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार दिसम्बर 21, 2018 12:54 PM IST
    सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में आखिरकार 13 साल बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में किसी तरह की साजिश से इनकार करते हुए सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है. विशेष अदालत ने कहा कि है कि जो भी साक्ष्य और सबूत पेश किए गए, उसमें किसी तरह की साजिश नहीं दिखती. इस मामले में शुरुआत में कुल 38 आरोपी थे, लेकिन मुकदमा शुरू होने से पहले ही आरोपी नेता और IPS अधिकारी आरोप मुक्त हो गए. बचे 22 आरोपियों में 21 जूनियर पुलिसकर्मी और एक बाहरी व्यक्ति हैं. हालांकि, अब इस मामले में सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार दिसम्बर 21, 2018 02:32 PM IST
    सोहराबुद्दीन मुठभेड़ केस में सभी 22 आरोपी बरी, सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार दिसम्बर 7, 2018 12:19 PM IST
    सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में मुंबई में CBI की विशेष अदालत 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. सोहराबुद्दीन शेख एक मामूली अपराधी था, जिसे गुजरात के गांधीनगर में गुजरात पुलिस अधिकारियों ने नवंबर, 2005 में मार दिया था. पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख को आतंकवादी करार दिया था. मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख की पत्नी कौसर बी भी मारी गई थी. दंपति के साथ मौजूद तुलसीराम प्रजापति, जो गवाह भी था, की एक साल बाद हत्या हो गई थी.
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार नवम्बर 22, 2018 05:03 PM IST
    नहीं छपने से ख़बर मर नहीं जाती है. छप जाने से अमर भी नहीं हो जाती है. मरी हुई ख़बरें ज़िंदा हो जाती हैं. क्योंकि ख़बरें मैनेज होती हैं, मरती नहीं हैं. बस ऐसी ख़बरों को ज़िंदा होने के इंतज़ार में अपने किरदारों के आस-पास मंडराते रहना पड़ता है.
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