Blogs | राकेश कुमार मालवीय |बुधवार अगस्त 31, 2016 10:51 AM IST ''यहां अगर हम आज के हिंदुस्तान में गाय को वही जगह देना चाहते है तो पहली जरूरत यह है कि पूजा के घुटन भरे दायरे से निकालकर उसे सौंदर्य और उपयोगिता के स्तर पर पहचान दिलाएं. जिस देश की खेती गिरी हुई हो, जहां मिलावटी दूध हो और घी गायब होता जा रहा हो, जहां दुनिया की सबसे अधिक गाय सबसे कम दूध देती हों, वहां गाय-पूजा बेमतलब, बेजान चीज है. गाय-पूजा दरअसल गाय उपेक्षा का दूसरा नाम है और उसका बहाना है.