India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: चंदन वत्स |गुरुवार सितम्बर 22, 2022 11:21 PM IST बस्तर में स्थानीय आदिवासी कार्यकर्ताओं को वरिष्ठ माओवादी नेतृत्व, विशेषकर तेलुगू बोलने वाले, द्वारा कठिनाई और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. नेतृत्व की भूमिका में होने के कारण, वे बस्तर के आदिवासियों को सबसे आगे लड़ने के लिए मजबूर करते हैं.