India | Reported by: पल्लव बागला, Translated by: विवेक रस्तोगी |गुरुवार जून 13, 2019 12:21 AM IST अपनी पृथ्वी के चंद्रमा की ओर भारत का दूसरा मिशन 'चंद्रयान 2' श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को लगभग आधी रात को रवाना होगा. इस वक्त ISRO 3.8 टन वज़न वाले उपग्रह को अंतिम रूप दे रहा है, जिस पर देश का 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च हुआ है. प्रक्षेपण के बाद उपग्रह 'चंद्रयान 2' को कई हफ्ते लगेंगे, और फिर वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. गौरतलब है कि यह चंद्रमा का वह हिस्सा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है. NDTV के साइंस एडिटर पल्लव बागला से खास बातचीत में ISRO के असिस्टेंट साइंटिफिक सेक्रेटरी विवेक सिंह ने कहा कि यह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अब तक का सबसे जटिल मिशन है, जिस पर 1,000 करोड़ रुपये से कम खर्च हुआ है.