Blogs | सोमवार दिसम्बर 29, 2014 05:07 PM IST बेहतर होगा कि इन संगठनों के नेता और कार्यकर्ता भी 'pk' देख आएं और फिल्म का तर्कपूर्वक विरोध करें, क्योंकि यह उनका अधिकार बनता है, लेकिन पोस्टर फाड़ना और बैन की मांग करना थोड़ा ज़्यादा हो जाता है। बाबाओं के समर्थन में फिल्म बनाकर 'pk' का जवाब देने का आइडिया कैसा रहेगा...?