Blogs | हरिमोहन मिश्र |मंगलवार अगस्त 16, 2016 06:45 PM IST बलूचिस्तान 1948 में बेमन से या जबरन पाकिस्तान में शामिल किए जाने के बाद अपने अकूत प्राकृतिक संसाधनों की वजह से निरंतर टकराव का क्षेत्र बना हुआ है. पाकिस्तानी हुक्मरानों के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और बाहरी आबादी को वहां बसाने के नजरिए की वजह से हाल के दौर में 2003 से यह टकराव अपने चरम पर है.