Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अक्टूबर 1, 2019 11:53 PM IST ख़बरों के ज़रिए पाठक और किसी संस्थान के साथ क्या खेल होता है, इसे समझने के लिए आपको पिछले कुछ महीनों में BSNL और MTNL पर छपी ख़बरों को पढ़ना चाहिए. किस तरह दोनों संस्थानों के कर्मचारी झांसे में आते हैं. कायदे से सरकार सीधे कह सकती थी कि हम इन दो कंपनियों को बंद कर रहे हैं लेकिन चुनाव के कारण प्रस्तावों के ज़रिए सपने दिखाने लगी.