'भारत रूस समझौता'

- 26 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • World | Reported by: भाषा, Edited by: Sumant singh Gaharwar |मंगलवार दिसम्बर 26, 2023 10:58 PM IST
    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बताया कि भविष्य में बिजली उत्पादन को लेकर भारत और रूस के बीच में महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की बिजली उत्पादन इकाइयों के निर्माण के लिए दोनों देशों में सहमति बनी है.
  • World | Edited by: वर्तिका |मंगलवार दिसम्बर 6, 2022 12:55 PM IST
    भारत (India) और जर्मनी (Germany) के विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय प्रवास और आवाजाही साझेदारी समझौते (bilateral mobility pact) पर भी हस्ताक्षर किए जिससे दोनों देशों के लोगों को एक दूसरे के देश में पढ़ना और काम करना आसान हो जाएगा.
  • India | Reported by: भाषा |बुधवार नवम्बर 24, 2021 05:05 AM IST
    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले महीने होने वाली भारत यात्रा के दौरान भारत और रूस लंबे समय से लंबित ‘एके-203’ कलाशनिकोव राइफल खरीद समझौते पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत हस्ताक्षर कर सकते हैं. इससे संबंधित घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी मंगलवार को दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर वार्ता करने के लिए रूप से के राष्ट्रपति पुतिन अगले महीने भारत यात्रा पर आने वाले हैं.
  • India | Reported by: भाषा |बुधवार जुलाई 28, 2021 08:06 AM IST
    डॉ रेड्डी ने दरअसल भारत में स्पुतनिक V के उत्पादन के लिए रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष के साथ मई, 2021 में करार किया था. रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष ने स्पूतनिक V वैक्सीन के उत्पादन के लिए छह भारतीय दवा निर्माता कंपनियों के साथ समझौता किया है.
  • India | Edited by: राहुल सिंह |शनिवार जून 5, 2021 10:06 PM IST
    उस कंपनी ने रूस की इस कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति में रुचि दिखाई है. हरियाणा अगर कोविड वैक्सीन सप्लाई में सफल रहती है तो वह उन कुछ चुनिंदा राज्यों में होगा, जहां विदेशों से वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर समझौता हो गया है. इससे पहले पंजाब समेत कई राज्यों ने भी वैक्सीन के लिए दूसरे देशों से संपर्क साधा था, लेकिन फाइजर मॉडर्ना जैसी कंपनियों ने राज्यों को सीधे कोरोना वैक्सीन आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है. 
  • World | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जून 26, 2019 05:14 AM IST
    सूत्र ने बताया कि रूस के साथ हमारे पुराने रक्षा संबंध हैं जिन्हें हम खत्म नहीं कर सकते हैं. भारत ने पिछले वर्ष अक्टूबर में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस से समझौता किया था. भारत ने अमेरिकी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए इस समझौते को आगे बढ़ाया.
  • World | भाषा |शुक्रवार मई 31, 2019 12:17 PM IST
    ‘एस-400’ सतह से हवा में मार करने में सक्षम रूस की अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है. चीन ने रूस से इस प्रणाली की खरीद के लिए 2014 में सबसे पहले समझौता किया था. भारत और रूस के बीच इस प्रणाली की खरीद के लिए पिछले साल अक्टूबर में पांच अरब डॉलर का समझौता हुआ था.
  • India | एनडीटीवी |शुक्रवार मार्च 8, 2019 01:01 AM IST
    भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की तनातनी के बीच भारत ने रूस के साथ एक बड़ा समझौता किया है. भारत ने 10 साल की अवधि के लिए भारतीय नौसेना के लिए परमाणु क्षमता से संपन्न हमलावर पनडुब्बी पट्टे पर लेने के लिए रूस के साथ तीन अरब डॉलर का समझौता किया. सैन्य सूत्रों ने यह जानकारी दी. जाहिर है कि भारत और रूस के बीच हुए इस समझौते से पाकिस्तान की टेंशन में इजाफा देखने को मिलेगी. तनाव के इस दौर में इस डील पर अंतिम मुहर लगना कूटनीति के लिहाज से काफी मायने रखता है.
  • India | भाषा |बुधवार नवम्बर 21, 2018 05:48 AM IST
    अधिकारियों ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की पीएसयू गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और रूस की सरकारी रक्षा निर्माता रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के बीच तलवार श्रेणी के दो युद्धपोतों के निर्माण के लिए करार किया गया. यह समझौता रक्षा सहयोग के लिए सरकार से सरकार के बीच रूपरेखा के तहत किया गया. 
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार अक्टूबर 5, 2018 12:52 PM IST
    अमेरिका की धमकियों और नाराजगी के बीच भी भारत रूस से S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यापार समझौता माना जाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. अमेरिकी सरकार ‘ अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ ‘महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन’ करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका की इस चेतावनी के बाद भी इस रक्षा प्रणाली के लिए कदम बढ़ाने की इच्छुक है. इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारत को पांच अरब डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
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