'भाषा की उलझन'

- 1 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | डॉ विजय अग्रवाल |बुधवार सितम्बर 21, 2016 04:00 PM IST
    वर्तमान में भाषा के संकट ने अवचेतन तक पहुंच पाने के हमारे संकट को कई-कई गुना बढ़ाकर उसे असंभव बना दिया है, क्योंकि न तो चेतन की भाषा को अवचेतन समझ पा रहा है, और न अवचेतन की भाषा (जो संकेतों में, कोड में, स्वप्न के दृश्यों में होते हैं) को चेतन डीकोड कर पा रहा है. भाषा की इस खाई ने 'इनोवेशन' की हमारी सारी संभावनाओं की भ्रूण-हत्या कर दी है.
और पढ़ें »
'भाषा की उलझन' - 1 वीडियो रिजल्ट्स
और देखें »
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com