'भोपाल गैस पीड़ित'

- 21 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: अभिषेक पारीक |मंगलवार मार्च 14, 2023 09:01 PM IST
    केंद्र ने यूनियन कार्बाइड की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,844 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मांगा था. केंद्र ने तर्क दिया था कि निपटान के समय मानव जीवन और पर्यावरण नुकसान के पैमाने का ठीक से आकलन नहीं हो सका था. 
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: अंजलि कर्मकार |मंगलवार जनवरी 17, 2023 11:17 PM IST
    भोपाल गैस त्रासदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए क्यूरेटिव पिटीशन में मौतों की संख्या 5,295 और घायल लोगों का आंकड़ा 5,27,894 बताया गया है. 2011 में दायर क्यूरेटिव पिटिशन में यूनियन कार्बाइड कंपनी से और 7413 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया.
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी |मंगलवार जून 29, 2021 09:15 PM IST
    पीड़ित विधवाओं ने कहा कि 18 महीने में मंत्री जी ने 3 बार कैमरे पर गैस पीड़ित विधवाओं की पेंशन शुरू करने का वादा किया, कांग्रेस को जमकर कोसा लेकिन पेंशन अब तक शुरू नहीं हुई. लेकिन दिसंबर 2019 से पेंशन बंद है. 18 महीने हो गए.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार मार्च 2, 2021 10:17 PM IST
    मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भोपाल की गैस पीड़ित विधवाओं के लिए बजट में खुशखबरी है. सरकार ने उनको मिलने वाली पेंशन के लिए बजट में प्रावधान कर दिया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जब मंगलवार को बजट पेश किया तो बताया कि गैस पीड़ितों को प्रतिमाह दी जाने वाली केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने पर अब राज्य सरकार स्वयं के स्रोतों से पेंशन उपलब्ध कराएगी. इस हेतु बजट में आवश्यक प्रावधान रखा गया है.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार मार्च 1, 2021 11:46 PM IST
    भोपाल गैस त्रासदी  (Bhopal Gas tragedy) ने सालों पहले कई लोगों के अपने छीन लिए, सालों बाद सरकार ने गैस त्रासदी में जो महिलाएं विधवा हुईं उनसे उनकी पेंशन छीन ली. भूख मिटाने के लिए कई बूढ़ी विधवाओं को खाना मांगना पड़ रहा है. सरकार ने कई बार आश्वासन दिया, पूरा नहीं किया. दिसंबर 2019 से पेंशन बंद है. इस बीच कांग्रेस (Congress) की सरकार के मुख्यमंत्री चले गए, कमल की सरकार के शिवराज मुख्यमंत्री बन गए इन महिलाओं ने हर स्तर पर आवेदन दिया, विरोध दर्ज कराया लेकिन पेंशन नहीं मिली.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह |रविवार अप्रैल 19, 2020 11:42 PM IST
    Madhya Pradesh Coronavirus Update: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस के संक्रमण से छह लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना के कारण मौत वाले सभी मामले पुराने शहर की घनी आबादी वाले जहांगीराबाद, इब्राहिमगंज और चौकी इमामबाड़ा इलाकों के हैं. एक और अहम बात ये कि सारे 1984 में हुए गैस रिसाव से पीड़ित थे, जिस त्रासदी में 20000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, पांच लाख से ज्यादा आज भी प्रभावित हैं.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: भाषा |बुधवार अप्रैल 15, 2020 11:40 AM IST
    भोपाल गैस पीड़ितों के हितों के लिए लंबे अरसे से काम करने वाले संगठन ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन’ की सदस्य रचना ढींगरा ने बुधवार को दावा किया, 'भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और ये पांचों भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे.'
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार जनवरी 25, 2020 06:04 PM IST
    भोपाल गैस त्रासदी मामले में केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. सुनवाई 28 जनवरी से होगी. दरअसल केंद्र सरकार ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे के लिए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. केंद्र ने कहा है कि अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कंपनी, जो अब डॉव केमिकल्स के स्वामित्व में है, को 7413 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने के निर्देश दिए जाएं. दिसंबर 2010 में दायर याचिका में शीर्ष अदालत के 14 फरवरी, 1989 के फैसले की फिर से जांच करने की मांग की गई है जिसमें 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर (750 करोड़ रुपये) का मुआवजा तय किया गया था.
  • India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |मंगलवार दिसम्बर 3, 2019 08:00 PM IST
    सन 1984 में गैस रिसी और एक शहर तबाह हो गया...तीन दशक से ज्यादा वक्त बीत गया.. लेकिन लाखों लोगों के लिए वक्त 84 में ही ठहर गया. हजारों लोगों को मौत के मुंह में धकेलने वाली भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक है, लेकिन अब इस पर कोई बहस नहीं होती. आरोप लगते रहे हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारें आज भी पीड़ितों के बजाए यूनियन कार्बाइड और उसके वर्तमान मालिक डाव केमिकल के हितों की रक्षा कर रही हैं. इन सबके बीच इन पीड़ितों की दमदार आवाज़ अब्दुल जब्बार कुछ दिनों पहले गुजर गए. इस बीच गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक और बड़ा आरोप लगाया है कि शोध के ऐसे नतीजे को दबा दिया, जिससे कंपनियों से पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए दायर सुधार याचिका को मजबूती मिल सकती थी.
  • MP-Chhattisgarh | आईएएनएस |शुक्रवार नवम्बर 15, 2019 01:36 PM IST
    गैस पीड़ितों के नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले अब्दुल जब्बार रक्तचाप और शुगर की बीमारी से पीड़ित थे. पिछले दिनों उन्हें भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान गुरुवार की रात को उनका निधन हो गया.
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