Blogs | राणा अय्यूब |शुक्रवार जनवरी 13, 2017 08:08 PM IST ऐसे वक्त में, जब सक्षम लोग, ताकतवर जगहों पर बैठे लोग इस तरह की बहस में शिरकत से इंकार कर रहे हों, अज्ञानियों को लैंगिक भेद, धर्म, संस्कृति और सामाजिक नियमों पर बोल-बोलकर सुर्खियों में आ जाने का मौका मिल रहा हो. ऐसे वक्त में, जब ताकतवर जगहों पर बैठे लोग विचारों को वही पुराने स्थापित ढर्रों की ओर ले जाना चाह रहे हों, इस तरह ज़ोर देकर कुछ भी कहना वक्त पर दी गई चेतावनी जैसा है.