Blogs | संजय किशोर |मंगलवार सितम्बर 5, 2017 06:52 PM IST खेल के मैदान पर कोच शिक्षक होता है. कोच का ईमानदार प्रयास और खिलाड़ी की मेहनत से ही कामयाबी की कहानी लिखी जाती है. एक अकेले शख्स पुलेला गोपीचंद की प्रतिबद्धता ने भारतीय बैडमिंटन को बदल दिया है. भारतीय बैडमिंटन में सुनहरे युग की शुरुआत हो चुकी है. वर्ल्ड और ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट पीवी सिंधु और ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल इन्हीं गोपीचंद की शागिर्द हैं.