Blogs | गिरीन्द्रनाथ झा |रविवार मार्च 5, 2017 10:14 AM IST आज (4 मार्च) मेरे प्रिय लेखक फणीश्वर नाथ रेणु का जन्मदिन है. रेणु अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन खेत में जब भी फसल की हरियाली देखता हूं तो लगता है कि रेणु हैं, हर खेत के मोड़ पे. उन्हें हम सब आंचलिक कथाकार कहते हैं लेकिन सच यह है कि वे उस फसल की तरह बिखरे हैं जिसमें गांव-शहर सब कुछ समाया हुआ है.