India | Reported by: आशीष कुमार भार्गव |सोमवार जनवरी 25, 2021 02:23 PM IST याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह कानून व्यक्ति की निजी पसंद और अपनी शर्तों पर किसी व्यक्ति के साथ रहने व उसे अपनाने के मूल अधिकारों के खिलाफ है. यह लोगों की आजादी के अधिकार का हनन करता है, इसलिए इसे रद्द किया जाए क्योंकि इस कानून का दुरुपयोग किया जा सकता है. वहीं, राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब न हो, इसके लिए कानून लाया गया है, जो पूरी तरह से संवैधानिक है.