'सद्दाम हुसैन'

- 32 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Short News | Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार दिसम्बर 1, 2022 11:28 PM IST
    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से गुरुवार को एनडीटीवी ने कई मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने लव जिहाद को काल्पनिक नहीं बल्कि सच्चाई बताया. साम्प्रदायिकता के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आम तौर पर हिंदू दंगों में शामिल नहीं होते हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर अपनी पूर्व में की गई वह टिप्पणी दोहराई कि वे सद्दाम हुसैन की तरह दिखते हैं. सरमा ने कहा, कांग्रेस में रहते हुए आप हमेशा एक परिवार की पूजा कर रहे होते हैं, जबकि बीजेपी में रहते हुए आप देश की पूजा करते हैं.
  • India | Reported by: श्रीनिवासन जैन, Edited by: श्रावणी शैलजा |शुक्रवार दिसम्बर 2, 2022 06:30 AM IST
    असम के मुख्यमंत्री ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को सही ठहराया और कहा, " राहुल गांधी, अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ, सद्दाम हुसैन की तरह दिखते हैं."
  • India | Edited by: चंदन वत्स |गुरुवार नवम्बर 24, 2022 09:11 PM IST
    असम के सीएम ने कहा, "यदि आपको हुलिया बदलना है तो कम से कम इसे सरदार वल्लभभाई पटेल या जवाहरलाल नेहरू जैसा कर लीजिए. लेकिन आपका चेहरा सद्दाम हुसैन जैसा क्यों दिख रहा है?"
  • India | Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अंजलि कर्मकार |बुधवार नवम्बर 23, 2022 04:49 PM IST
    असम के मुख्यमंत्री ने आगे दावा किया कि कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए बॉलीवुड सितारों को पैसे दिए। बता दें कि अभिनेत्री पूजा भट्ट और अमोल पालेकर, सुशांत सिंह जैसे अभिनेताओं ने इस यात्रा में भाग लिया था.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार फ़रवरी 23, 2022 12:01 AM IST
    यूक्रेन में तनाव है और युद्ध की आशंका ने दुनिया को अस्थिरता से घेर लिया है. युद्ध अपने साथ प्रोपेगैंडा लेकर आता है. इराक युद्ध के समय पश्चिमी देशों का प्रोपेगैंडा सच बनकर छाया हुआ था जिस पर ब्रिटेन की संसद की बनाई चिल्कॉट कमेटी ने बताया था कि इराक पर हमला करने से पहले ब्रिटेन ने अपनी जनता से झूठ बोला था कि सद्दाम हुसैन के पास रसायनिक हथियार हैं. इराक युद्ध में ब्रिटेन  की सेना भेजने वाले तबके प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था लेकिन इस दौरान रणनीति बनाने में हुई गलतियों को लेकर माफी भी मांगी थी. इस संदर्भ में हमें यह देखना ही चाहिए कि कौन सा देश कितना सही बोल रहा है और कितना हंगामा मचा रहा है. इस हंगामे का लाभ कौन उठाने वाला है और क्या करने वाला है. लेकिन हम और आप इससे प्रभावित ज़रूर हैं. आज रायटर समाचार एजेंसी ने ट्वीट किया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत सितंबर 2014 के बाद सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गई है. सितंबर 2014 में कच्चे तेल का भाव 99.38 डॉलर प्रति बैरल हो गया था जो सोमवार के दिन 98.87 डॉलर प्रति बैरल हो गया?
  • India | Reported by: मुकेश सिंह सेंगर |गुरुवार मार्च 25, 2021 06:33 PM IST
    पुलिस ने अरोड़ा की सास अनीता देवी शर्मा की मौत की फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद जांच शुरू की, जिसमें थैलियम के अंश मिले थे। इसके साथ उसके पत्नी के खून में जहर के अंश मिले, जो अस्पताल में भर्ती थी.
  • India | Reported by: भाषा |मंगलवार मार्च 23, 2021 01:29 AM IST
    शेख सद्दाम हुसैन अपने पिता मोहम्मद इलियास का सम्मान बहाल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं, जो नंदीग्राम से भाकपा के दो बार विधायक रह चुके हैं. इलियास ने 2007 में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इससे कुछ महीने पहले एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में विकास कार्य के लिए एक गैर सरकारी संगठन से उन्हें कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था.
  • India | Edited by: आनंद नायक |बुधवार मार्च 17, 2021 05:01 PM IST
    बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने कहा देश में केवल एक बार ऐसी स्थिति का सामना इमरजेंसी के दौरान किया था.वर्ष 1975 से 1977 तक लागू इमरजेंसी के दौरान लोगों के संवैधानिक अधिकार छीन लिए गए थे. मीडिया पर कई तरह की बंदिशें लगा दी गई थीं और विपक्ष के ज्‍यादातर नेताओं को जेल भेज दिया गया था.
  • India | Edited by: अमरीश कुमार त्रिवेदी |मंगलवार मार्च 16, 2021 11:16 PM IST
    Rahul Gandhi ने कुछ दिनों पहले स्वीडिश संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा. स्वीडिश संस्थान ने भारत में चुनावी निरंकुशता का आरोप लगाया था.
  • Career | Edited by: अर्चित गुप्ता |सोमवार दिसम्बर 30, 2019 11:36 AM IST
    इतिहास में 30 दिसंबर (December 30) का दिन कई घटनाओं के साथ दर्ज है. सन 1975 में आज ही के दिन हिन्दी कवि, कथाकार और ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar) इस संसार से विदा हुए थे. दुष्यंत कुमार ही थे जिन्होंने हिंदी ग़ज़ल को नई पहचान दी और उसे शिखर तक पहुंचाया. 1975 में प्रकाशित हुआ उनका ग़ज़ल संग्रह 'साये में धूप' आज भी काफी लोकप्रिय है. इसकी ग़ज़लें इतनी लोकप्रिय हैं कि उसके कई शेरों का लोग आज भी इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा आज के इतिहास में कई और महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हैं, इनमें एक मजेदार घटना भी शामिल है.
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