India | Edited by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार अप्रैल 6, 2024 12:51 AM IST भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने शुक्रवार को 'न्यायिक सक्रियता' और 'न्यायिक अतिरेक' के बीच अंतर करते हुए कहा कि यह न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि वह कब बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करे और कब इसे यथास्थिति कायम रखे. उन्होंने न्यायिक प्रणालियों को बदलते समय के अनुरूप ढालने की जरूरत को भी रेखांकित किया, जिसे विश्व स्तर पर मान्यता मिल रही है.