India | Reported by: उमाशंकर सिंह |मंगलवार अगस्त 16, 2022 09:28 PM IST भारत की आपत्ति के बाद भी श्रीलंका ने इस पोत को आने की इजाज़त दे दी तो इसके पीछे श्रीलंका की अपनी मजबूरी है. दरअसल, हंबनटोटा बंदरगाह को चीन ने ही विकसित किया है, यह 99 साल की लीज़ पर उसके पास है. अगर श्रीलंका मना करता तो चीन इसकी लागत वसूलने पर अभी अमादा हो सकता था जो आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए दोहरी मार के बराबर होता.