'हिन्दी अखबार'

- 18 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार सितम्बर 2, 2021 01:13 AM IST
    बेहतर है सब समय रहते हेडलाइन का खेल समझ जाएं वर्ना इस हेडलाइन के पीछे की डेडलाइन सबके लिए ख़तरनाक साबित होगी. मान लीजिए आपके 100 रुपये में से 20 परसेंट डूब गए. एक साल बाद इस बाकी बचे 80 रुपये का 20 या 21 परसेंट वापस आ गया तो क्या इसे लाभ कह सकते हैं? जितना डूबा था उतना भी तो वापस नहीं आया. अगर इसे लाभ कहने की ज़िद पर आ ही गए हैं तो लगे हाथ नुकसान को मुनाफा घोषित कर दीजिए. कम से कम हिन्दी प्रदेशों में ज़्यादातर लोग मान लेंगे क्योंकि यहां लाखों बच्चे दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में गणित में फेल हो जाते हैं. जो पास होते हैं उसमें भी ज़्यादातर खींच खांच कर नंबर लाते हैं. गणित का ऐसा आतंक है कि ट्यूशन से लेकर कोचिंग तक पर मां-बाप लाखों रुपये खर्च कर देते हैं. हिन्दी के अखबार अप्रैल से जून 2021 की जीडीपी 20 प्रतिशत बताते हुए दमदार प्रदर्शन कह रहे हैं. उम्मीद है इसके लिए भी धन्यवाद मोदी जी का पोस्टर लगने लगेगा.
  • Blogs | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार अक्टूबर 10, 2018 11:39 PM IST
    विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर कथित रूप से लगे आरोपों को लेकर मीडिया में खासकर हिन्दी के अखबारों में कैसी रिपोर्टिंग हो रही है, यह देखना दिलचस्प होगा. कहीं पर भी आरोप लगाने वाली महिलाओं की बातें विस्तार से नहीं हैं. जहां प्रमुखता से छपी हैं वहां भी और कई जगह तो खबर ऐसे छपी है जैसे यूं ही किसी ने राह चलते आरोप लगा दी हो. आप हैरान हो जाएंगे कि कुछ हिन्दी अखबारों में दस बीस लाइन की खबर भी ठीक से नहीं छपी है. विदेश राज्य मंत्री पर 9 महिला पत्रकारों ने आरोप लगाए हों, पूरी सरकार चुप हो गई हो और हिन्दी अखबारों से इस खबर को करीब करीब गायब कर दिया जाए यह कितना दुखद है. एक अखबार के कई संस्करण होते हैं. हार्ड कापी होती है, ई संस्करण होते हैं, वेबसाइट होती है. भोपाल से अनुराग द्वारी ने बताया कि 10 अक्तूबर को हिन्दी के दो बड़े अखबारों की हार्ड कापी में अकबर की खबर नहीं है. इनके लाखों पाठकों को पता ही नहीं चला होगा, जबकि यह ख़बर पत्रिका और भास्कर में है. 
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 07:11 PM IST
    अंबानी जी पाठकों को लेकर हमेशा उदार रहे हैं. उन पर कभी मानहानि नहीं करते. कैरवान ने भी उन्हें मानहानि देने के लिए ये अंक निकाला है. आप पढ़कर ख़ुद से अंबानी की मानहानि की भरपाई करें.
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: भाषा |शनिवार जुलाई 21, 2018 03:51 AM IST
    वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने उनकी एक पूर्व सहकर्मी के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया. 
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार फ़रवरी 2, 2018 04:31 PM IST
    भारत के किसानों ने आज हिन्दी के अख़बार खोले होंगे तो धोखा मिला होगा. जिन अखबारों के लिए वे मेहनत की कमाई का डेढ़ सौ रुपया हर महीने देते हैं, उनमें से कम ही ने बताने का साहस किया होगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनसे झूठ बोला गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि रबी की फसल के दाम लागत का डेढ़ गुना किए जा चुके हैं. ख़रीफ़ के भी डेढ़ गुना दिए जाएंगे. शायद ही किसी अख़बार ने किसानों को बताया होगा कि इसके लिए सरकार ने अलग से कोई पैसा नहीं रखा है.
  • India | Written by: श्रीराम शर्मा |सोमवार मई 1, 2017 08:28 AM IST
    आज एक मई यानी मजदूर दिवस है. मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में अखबारों ने अपने-अपने तरीके से खबरों को प्रकाशित किया है. दैनिक जागरण ने इस पर लिखा है कि देश में इस दिन कई सुधार कानून लागू होने से यह दिन और खास बन जाता है. पत्र लिखता है-आज से अहम सुधार लागू .
  • India | Written by: श्रीराम शर्मा |सोमवार जनवरी 9, 2017 08:06 AM IST
    9 जनवरी को प्रकाशित हिन्दी के तमाम प्रमुख अख़बार 'मुलायम-अखिलेश की रार' और कालेधन पर केंद्र सरकार की नोटबंदी की बाद खातों की जांच के 'नए वार' की ख़बरों से रंगे हुए हैं.
  • India | Written by: चतुरेश तिवारी |मंगलवार जनवरी 3, 2017 08:38 AM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया. इस खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है.
  • India | Written by: चतुरेश तिवारी |सोमवार जनवरी 2, 2017 08:07 AM IST
    सपा में जारी घमासान शनिवार को शाम को जहां थम गया सा नजर आ रहा था, वह रविवार की सुबह अखिलेश द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में जबर्दस्त सियासी तूफान लेकर आया. अखिलेश ने सपा में तख्तापलट करते हुए राष्ट्रीयअध्यक्ष के पद पर कब्जा जमा लिया. इस खबर को लगभग सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा है.
  • India | Written by: चतुरेश तिवारी |रविवार जनवरी 1, 2017 07:52 AM IST
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्र के नाम संबोधन में कई योजनाओं का ऐलान किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आम आदमी, किसानों, वरिष्ठ नागरिकों व गर्भवती महिलाओं के लिए योजनाओं की घोषणा की. ऐसा लगा कि उन्होंने अपनी सरकार का मिनी बजट पेश कर दिया.
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