'हेट स्पीच कानून'

- 11 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार अगस्त 18, 2023 03:53 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि, चाहे एक पक्ष हो या दूसरा, सबके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए. जहां भी हेट स्पीच  होगी, उससे कानून के अनुसार निपटा जाएगा.  हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि, हम इस बात पर ध्यान नहीं देंगे कि किस पक्ष ने क्या किया. हम नफरत फैलाने वाले भाषणों से कानून के मुताबिक निपटेंगे.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार मार्च 29, 2023 10:43 PM IST
    हेट स्पीच की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि, ''धर्म को राजनीति से मिलाना हेट स्पीच का स्रोत है. राजनेता सत्ता के लिए धर्म के इस्तेमाल को चिंता का विषय बनाते हैं. इस असहिष्णुता, बौद्धिक कमी से हम दुनिया में नंबर एक नहीं बन सकते. अगर आप सुपर पावर बनना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको कानून के शासन की जरूरत है.'' 
  • World | Reported by: एएफपी, Translated by: विजय शंकर पांडेय |शनिवार नवम्बर 5, 2022 08:28 AM IST
    संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के लिए ट्विटर के सार्वजनिक नीति के निदेशक मिशेल ऑस्टिन ने कहा, "मैं इस खबर के साथ जागा कि ट्विटर पर काम करने का मेरा समय समाप्त हो गया है. मेरा दिल टूट गया है. मैं इसे स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं."
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |मंगलवार अप्रैल 26, 2022 03:01 PM IST
    अनियंत्रित भीड़ द्वारा कानून को हाथ में लेने और किसी की पीट-पीटकर हत्या करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. ऐसे क्राइम को रोकने के लिए 17 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग समेत हेट स्पीच को लेकर गाइडलाइन जारी की थी.
  • India | Reported by: संकेत उपाध्याय, Translated by: सिद्धार्थ चौरसिया |शनिवार जनवरी 8, 2022 06:20 AM IST
    आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि, "देखिए कानून अपना काम करेगा. जो जो कानून में अधिकार है, उसके आधार पर अपना काम करेंगे."
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: ए मरियम आल्वी, सूर्यकांत पाठक |सोमवार फ़रवरी 1, 2021 12:08 AM IST
    हेट स्पीच (Hate Speech) और फेक न्यूज (Fake news) पर अंकुश लगाने के लिए देश में सोशल मीडिया (Social Media) को कानून के दायरे में लाने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को सुनवाई करेगा. याचिका में मांग की गई है कि उच्चतम न्यायालय की ओर से केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से नफरत फैलाने वाली और फेक न्यूज के प्रसार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए अलग से कानून बनाए. 
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार अगस्त 27, 2020 02:29 PM IST
    दिल्ली की एक अदालत ने बृंदा करात की एक याचिका को खारिज कर दिया, अनुराग ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा के कथित हेट स्पीच के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया था.
  • Cities | Reported by: अली अब्बास नकवी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार मार्च 5, 2020 09:48 PM IST
    दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान हालात पर काबू पाने की बड़ी चुनौती दिल्ली पुलिस के सामने थी. दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस 48 से 60 घंटे तक रेस्क्यू में जुटी रही. दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने NDTV से कहा कि घटनाओं के वीडियो की जांच की जा रही है. उनसे सबूत मिल सकेंगे और दोषियों की पहचान की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि जिन पुलिस कर्मियों ने कानून के दायरे से बाहर जाकर काम किया उन पर कार्रवाई की जाएगी.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार फ़रवरी 28, 2020 11:54 PM IST
    दिल्ली में लोगों को किसने भड़काया? इस सवाल पर राजनीति शुरू हो गई है. कानून मंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर दिल्ली में आम लोगों की भावना भड़काने का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने पटलवार करते हुए पूछा- लोगों को भड़काने वाले कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा जैसे बीजेपी नेताओं के खिलाफ आज तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज़ की गई है? दिल्ली में दंगों की आग के लिए जिम्मेदार कौन? इस सवाल पर शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि राजधर्म के नाम पर सोनिया गांधी और कांग्रेस ने लोगों में उत्तेजना फैलाई.
  • Lok Sabha Elections 2019 | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार अप्रैल 15, 2019 12:37 PM IST
    चुनावी अभियान में 'हेट स्पीच' और सांप्रदायिक बयानबाजी करने पर चुनाव आयोग के पास क्या अधिकार हैं इस बात का परीक्षण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल को आयोग के प्रतिनिधि को पेश होने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने बताया है कि आचाह संहिता तोड़ने वालों के खिलाफ वह केवल नोटिस और एडवाइजरी जारी कर रहा है. लेकिन वह न तो किसी को अयोग्य करार दे सकता है और न किसी पार्टी की मान्यता रद्द कर सकता है. इस पर प्रधान न्यायाधीन ने आयोग से मंगलवार की सुबह मौजूद रहने के  लिए कहा है. वहीं कोर्ट अली और बजरंग बली जैसे बयानों पर भी सख्त रुख अपनाया है और आयोग फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि मायावती के बयान पर उसने क्या कार्रवाई और कानून के हिसाब से क्या कदम उठाए जाएंगे. इस पर आयोग ने कहा कि वो मायावती के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है.
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