सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को 6 सितंबर तक घर में नजरबंद रखने का आज आदेश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि असहमति लोकतंत्र का 'सेफ्टी वाल्व' है. शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद इन पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल नहीं भेजा जाएगा, परंतु वे पुलिस की निगरानी में घरों में ही बंद रहेंगे.
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