अर्थशास्त्री बोले, पीएम किसान,मनरेगा का बजट बढ़ता तो गांवों में ज्यादा पैसा पहुंचता
प्रकाशित: फ़रवरी 01, 2021 05:21 PM IST | अवधि: 5:02
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सरकार ने कहा था कि कर्ज कुल GDP के 40 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन यह 60 फीसदी के करीब जा रहा है. प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि अमेरिका, जापान में भी ऐसा है. राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) की परवाह किए बिना मांग बढा़ने के लिए यह किया गया है. संशोधित अनुमान के बाद राजकोषीय घाटा 20 फीसदी के आसपास हो सकता है. अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो राजकोषीय घाटा फिर कम होगा. यह ब्याज दर पर निर्भर करता है कि कितना घाटा सहा जा सकता है. पीएम किसान स्कीम, मनरेगा में सरकार को पैसा बढ़ा दिया जाना चाहिए. मनरेगा में कम से कम 200 दिन का काम मिलना चाहिए था. उर्वरक सब्सिडी भी बढ़ सकती थी.