NDTV Khabar

देस की बात रवीश कुमार के साथ : मजदूरों पर प्रक्रिया का सितम

 Share

लगातार मजदूरों की समस्याएं दिखाए जाने के बाद भी सरकारों पर बस इतना ही असर पड़ा है कि वह प्रेस कांफ्रेंस में उन चीजों पर बात करने लगी हैं जिन पर बात किए जाने की जरूरत है. जमीन पर अभी भी हमारा मजदूर उसी तरह विस्थापित है. उसके सम्मान और आत्मभिमान को कुचला जा रहा है. मजदूरों की जो तस्वीरें आ रही हैं लग नहीं रहा है कि 50-55 दिन बीत जाने के बाद भी, हो सकता है कि सरकार की नीतियों में कुछ कमियां रह जाएं लेकिन वो करुणा का प्रदर्शन नजर नहीं आ रहा है. क्या आपको लगता है कि हमारी व्यवस्थाओं ने इन 50-55 दिनों में इस तरह से देखा है, सीखा है? हम समझते हैं कि अब व्यवस्थाओं के भीतर क्षमता नहीं बची है. हो सकता है कि वो थक गई हों.



Advertisement

 
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com