गोपाल दास 'नीरज' किसी न किसी रूप में थोड़े-बहुत हम सबकी दुनिया में हैं। नीरज ने चाहत की आहों को गीतों में बदला है... नीरज को सुनने वालों की जिंदगी में ऐसा क्या घट जाता है कि वो एकांत में नीरज को गुनगुनाने लगाते हैं...? इस बार 'हम लोग' में नीरज से खास बातचीत...
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