प्रकाशित: जुलाई 02, 2017 08:00 PM IST | अवधि: 41:16
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अगर कोई उलटफेर नहीं हुआ तो रामनाथ कोविंद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति बनने वाले हैं. बीजेपी ने जैसे ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर कोविंद के नाम की घोषणा की तो विपक्ष के खेमे में दरार दिखने लगी. ये दलित राजनीति के दिन हैं. कोई भी राजनीतिक दल दलितों को नाराज नहीं करना चाहता. सवाल यह उठता है कि क्या यह नए तरह के तुष्टिकरण की नीति है? देखिए हम लोग.