हम लोग: सोनू सूद जैसे लोग बने प्रवासी मजदूरों का सहारा
प्रकाशित: मई 31, 2020 08:00 PM IST | अवधि: 36:48
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कोरोनावायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इसके कारण लाखों प्रवासी देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं. हमने वो तस्वीरें भी देखी हैं जिनमें अपने गांव, कस्बों से दूर रह रहे हजारों मजदूरों का सफर बस चलता ही जा रहा है. कई बार हजारों किमी. पैदल, कभी छुपकर किसी ट्रक के पीछे, कभी साईकल पर तो कभी खुद के ही रिक्शे और ठेले पर. बेबसी की यह कहानी क्या सरकारों की सबसे बड़ी नाकामी को साबित करती है. इनके सामने दो तरह का संकट था. एक आशियाने का और दूसरा रोजगार का. दोनों ही छिन गए. जहां वह रह रहे थे उन शहरों ने उन्हें अपनाया नहीं. वे अपने गांव लौटने लगे तो गांव लौटने का कोई जरिया नहीं.